Tuesday 30 April 2019

इश्क वाली चाय



30 अप्रैल। हां यही तारीख तो थी जब उसकी और मेरी बात हुई थी। अचानक से मुझे याद आई थी ये बात।
सुबह के 9.30 बज रहे थे। तभी राहुल का फोन आया था। कहीं जाने हो रही थी। तभी राहुल ने तारीख का जिक्र किया।
मैंने ही उसे बताया कि आज 30 अप्रैल है।
कहने लगा आज नहीं फिर किसी दिन चलेंगे। सहसा मुझे याद आया और मैं भी अतीत के पन्नों में खो सा गया।
वो 30 अप्रैल 2013 का ही दिन था। जब मोबाइल की घंटी बजी थी।
हैल्लो, क्या आप मानव बोल रहे हैं?
हां
मैं राशि बोल रही हूं, सबा की दोस्त।
सबा ने बताया ही होगा आपको।
मैंने भी हामी भर दी और कहा कि आपका काम हो जाएगा।
राशि को बैंक से लोन लेना था। मैंने इस काम में राशि की मदद की और उसे लोन मिल गया।
इस बीच व्हाट्सएप पर ही बातें होती रहीं। लेकिन कभी मुलाकात नहीं हुई। मिलने के लिए न मैंने कहा और न ही राशि ने।
लेकिन न जाने क्यूं बिना मिले ही राशि अच्छी लगने लगी थी। मानव के दिल में राशि के लिए कुछ खास जगह बन गई थी। शायद मानव को राशि से प्यार हो गया था।
मानव को लगा कि कहीं यह अट्रैक्शन तो नहीं? काफी सोच विचार किया। सोचा राशि से अपने दिल की बात का इजहार करे। फिर मन में आया कि कहीं वो बुरा न मान जाए और जो भी बातचीत होती है, वह खत्म न हो जाए।
ऐसे लगभग दो साल बीत गए।
फिर अचानक से एक दिन मानव ने राशि को मैसेज किया।
मानव : हैल्लो
राशि : हे हाय, कैसे हो?
मानव : आई एम फाइन, तुम बताओ कैसी हो?
राशि : बस यार, चल रहा है सब ठीक ठाक ही।
मानव : मैं तुमसे कुछ कहना चाहता हूं?
राशि : हां, कहो ना
मानव : आई लव यू।
राशि : यार, हम कभी मिले तक नहीं। एक दूसरे को जानते तक नहीं और तुम ये सब..

इस चैट के बाद मानव और राशि की बातें कम होने लगीं।
इसी बीच कुछ कारणों से राशि ने अपना मोबाइल नंबर तक बदल लिया। लेकिन मानव के दिल में तो जैसे राशि ने जैसे घर बना लिया था। वो उसे भूला न पाया था।
फिर से अचानक एक दिन मानव को फेसबुक पर किसी की फ्रेंड रिक्वेस्ट आई। मानव ने प्रोफाइल देखा तो देखता ही रह गया।
फ्रेंड रिक्वेस्ट राशि की थी। मानव ने तुरंत एक्सेप्ट किया। इसके बाद दोनों की बातें शुरू हुईं। इस दोनों ने मिलने का प्लान बनाया। दोनो मिले भी और आए दिन मिलने लगे।
मानव को लगा जैसे वह राशि का बेस्ट फ्रेंड यानि सबसे अच्छा दोस्त बन गया है। लेकिन राशि की तरफ से ऐसा कुछ नहीं था।
और जैसे इस शब्द के साथ हर बात की सीमाएं तय होती हैं मानव और राशि के बीच भी तय थीं।
लेकिन मानव का मन तो उन सीमाओं को लांघने के लिए बेचैन रहने लगा था।
मानव उसे पहले से भी ज्यादा प्यार करने लगा था। एक दोस्त से कहीं ज़्यादा।
ये जानते हुए भी कि राशि मानव को उस तरह से नहीं चाहती। मानव खुद को रोक नहीं सका था।

मानव ने खुद से कहा था, मैं शायद उसके लिए नहीं अपने आप के लिए प्यार कर रहा था। लेकिन इस बार मानव ने इजहारे मोहब्बत नहीं किया। लेकिन राशि भी समझ चुकी थी कि मानव के दिल में उसके लिए कितनी जगह है।
और एक दिन राशि ने अलग होने का फैसला कर लिया। राशि ने मानव को बताया कि उसका अफेयर सालों से चल रहा है और अब वह महेन से शादी करने जा रही है।
मानव को इस बात की खुशी थी कि राशि शादी कर घर बसाने जा रही है। लेकिन उसे दुख इस बात का था कि इतने सालों में राशि ने घर की सारी बातें, सुख दुख तो शेयर किया लेकिन महेन की बात क्यों छुपाई?
टेबल पर रखी इश्क वाली चाय ठंडी हो चुकी थी। जिस पर एक एक परत भी चढ़ चुकी थी। मानव का दिल भी ठंडी चाय की ही तरह...

©राजेश रंजन सिंह
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