बहाने ढूंढता है..️
मिलने के बहाने ढूंढता है
कुछ कहने के फसाने ढूंढता है
बातें तो खूब होती हैं मगर
इजहार के तराने ढूंढता है
वो नादां है या मुझसे ही सुनना चाहती है
इसके भी ईशारे ढूंढता है
कैसे सुलझेगी ये पहेली
दिन-रात इसके तरीके ढूंढता है
©राजेश रंजन सिंह
Gd
ReplyDeleteWell said
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