Monday 27 August 2018

निगमों को मिल सकता है दिल्ली सरकार से बकाया फंड


तीनों महापौरों ने प्रेस कॉन्फ्रैस कर दी जानकारी
मुख्यमंत्री से जनता दरबार के बाद सचिवालय में मिले तीनो महापौर

निगमों के हिस्से का बकाया फंड को लेकर एक बार फिर से दिल्ली सरकार और एमसीडी के बीच राजनीति शुरू हो गई है। हालांकि दिल्ली के मुख्यमंत्री से हुई मुलाकात को तीनों निगमों के महापौरों ने सकारात्मक ठहराया है। इस संबंध में दिल्ली के तीनों नगर निगम के महापौरों ने सिविक सेंटर में ज्वाइंट प्रेस कॉन्फ्रैंस कर उम्मीद जताई कि आगामी हफ्तों में दिल्ली सरकार निगमों के हिस्से का फंड जारी करेगी।
निगम मुख्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रैंस के दौरान नॉर्थ एमसीडी महापौर आदेश गुप्ता ने कहा कि बीते चार माह से साउथ, नॉर्थ व ईस्ट के महापौर दिल्ली के मुख्यमंत्री से मिलने का समय मांग रहे थे। लेकिन कोई जवाब न मिला। लिहाजा सोमवार को मुख्यमंत्री के जनता दरबार में शामिल होने का फैसला लिया गया और तीनों महापौर मुख्यमंत्री आवास पहुंचे। जिसके बाद मुख्यमंत्री ने अपने सचिवालय में मिलने के लिए बुलाया। सचिवालय में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से महापौर नॉर्थ एमसीडी महापौर आदेश कुमार गुप्ता, साउथ एमसीडी महापौर नरेद्र चावलाव ईस्ट एमसीडी महापौर बिपिन बिहारी सिंह की मुलाकात हुई। मुलाकात को सकारात्मक बताते हुए गुप्ता ने कहा कि निगमों ने अपनी वित्तियों संकटों से मुख्यमंत्री को अवगत कराया है। तीनों महापौरों द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर मुख्यमंत्री ने 7 से 10 दिन का समय अधिकारियों से चर्चा के लिए मांगा है।
नॉर्थ एमसीडी महापौर ने जानकारी दी कि निगम को मासिक वेतन जारी करने के लिए 295 करोड़ रुपये की जरूरत होती है लेकिन फंड न जारी होने की वजह से नियमित तौर पर कर्मचारियों का वेतन जारी नहीं हो पा रहा है। निगम सुधार फंड के अंतर्गत वर्ष 2013-14, 2014-15, 2015-16 की 372 करोड़ रुपये की राशि भी जारी नहीं की गई। यहां तक कि शहरी विकास और परिवहन क्षेत्र के लिए 1202 करोड़ रुपये भी जारी नहीं किए। इसके साथ ही दिल्ली सरकार को तीसरे वित्तीय आयोग की सिफारिशों के अनुसार 12.5 फीसद, 1431 करोड़ रु की राशि जारी करनी है।
साउथ एमसीडी महापौर नरेन्द्र चावला ने बताया कि हमारे निगम को शहरी विकास परिवहन, शिक्षा क्षेत्र के लिए बजट में पूरी प्रस्तावित राशि नहीं दी जा रही। 2018-19 की पहली तिमाही तक कुल बजट प्रस्ताव की 1579.19 करोड़ रु की वार्षिक राशि में से केवल 137.60 करोड़ जारी किए गए हंै। इसी वर्ष में शहरी विकास और परिवहन के लिए एक भी रूपया जारी नहीं किया गया। 2015-16 के दौरान 853.93 करोड़ रु, 2016-17 के दौरान 641.56 करोड़ रु और 2017-18 के दौरान 896.33 करोड़ कम जारी किए गए। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार नगर निगमों को 2012-13 से 2018-19 से लेकर अब तक बजट प्रस्ताव की समुचित राशि जारी नहीं कर रही। महापौर ने पालिका सुधार कोष का मुददा भी उठाया और कहा कि हमारे निगम को घाटे में नहीं होने के बावजूद यह राशि नहीं मिल रही। चावला ने स्वच्छता, झुग्गी, झोपड़ी और कॉलोनियों में सुविधाओं, सामुदायिक केंद्रों और सडक़ों के विकास के लिए 2018-19 में कम से कम 505 करोड़ आवंटित करने की मांग की। उन्होंने यह भी कहा कि कल्याण योजनाओं के बढ़े हुए व्यय को देखते हुए 3000 लाख रु की अतिरिक्त राशि की आवश्यकता है।
ईस्ट एमसीडी महापौर बिपिन बिहारी सिंह ने कहा कि शहरी विकास क्षेत्र के अंतर्गत 2018-19 का आवंटन नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि मार्च 2018 तक ग्रेच्युटी और कमुटेशन के दावों के निपटान के लिए 124 करोड़ की तुरंत आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि ईस्ट एमसीडी को चौथे वित्त आयोग तक की सिफारिशों के अनुसार 1005 करोड़ जारी किए जाने चाहिए।

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