Wednesday, 16 January 2019

मिड-डे मील स्कीम डाटा नहीं किया अपटेड तो कार्रवाई

16 Jan 2019, Page no.8, Punjab Keasri


- स्कूलों की नाफरमानी के चलते हेड क्वार्टर को निकालना पड़ा कड़ा आदेश
- सुप्रीम कोर्ट से भी लग चुकी है फटकार

 जिस मिड-डे मील स्कीम के कारण निगम स्कूलों में बच्चों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई, उसी स्कीम को लेकर निगम गंभीर नहीं है। स्कीम को किस कदर पलीता लगाया जा रहा है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में मामला होने के बाद भी ऑनलाइन लिंक अपडेट करने के लिए डाटा नहीं भेजा रहा है। सुप्रीम कोर्ट से बार-बार फटकार और स्कूलों की नाफरमानी के कारण अब हेड क्वार्टर (एचक्यू) को कड़ा आदेश निकालना पड़ा है। कहा जा रहा है कि निगम के जोनल अधिकारी इसे गंभीरता से नहीं ले रहे थे जिसके कारण अब हेड क्वार्टर को ही सख्त निर्देश जारी करना पड़ा है। 

बरती कोताही तो होगी कार्रवाई
पूरा मामला निगम स्कूलों में मिड-डे मील स्कीम डाटा से संबंधित है। इस संबध में नॉर्थ एमसीडी के एजुकेशन डिपार्टमेंट की ओर से ऑफिस ऑर्डर निकाला गया है। जिसमें साफ तौर पर यह आदेश दिया गया है कि 16 जनवरी यानि आज से विंटर ब्रेक खत्म होते ही सभी प्रिंसिपल मिड-डे मील का डाटा रोजाना (डेली बेसिस) पर शाम 5.30 बजे से पूर्व तैयार करना होगा। ताकि इस डाटा को मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएपआरडी) के पोर्टल पर अपलोड किया जा सके। ऑफिस ऑर्डर में यह भी स्पष्ट किया गया है कि अब से इस संबंध में किसी भी प्रकार की कोताही बरतने पर सीधे तौर पर संबंधित स्कूल प्रिंसिपल और मिड-डे मील इंचार्ज को जिम्मेदार ठहराया जाए। साथ ही स्कूल इंस्पेक्टर भी इसके लिए जिम्मेदार होंगे। यानि इन पर कार्रवाई की जाएगी। 


गड़बड़ी छुपाने को नहीं देते डाटा 
गौरतलब है कि निगम स्कूलों को मिड-डे मील स्कीम से संबंधित सभी आंकड़े प्रतिदिन अपडेट करना बेहद जरूरी है। लेकिन ऐसा नहीं किया जा रहा था। निगम सूत्रों की मानें तो इन सब कामों के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर की भारी कमी है। जोनल यूनिट्स में मैन पॉवर की कमी के साथ ही स्कूलों में कंप्यूटर ऑपरेटर तक नहीं हैं। ऐसे में शिक्षकों को ही इन कामों की जिम्मेदारी सौंपी जाती है। जिसके कारण शिक्षण का समय इन्हीं कामों में व्यर्थ हो जाता है। शिक्षकों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार हमें गैर शिक्षण कार्यों से अलग रखा जाए। साथ ही स्कूलों के इंफ्रास्ट्रक्चर सुधारें और ऐसे कामों के लिए ऑपरेटर नियुक्त करें। यह भी कहा जा रहा है कि जो कुछ सिफारशी स्कूल मिड-डे मील स्कीम में गड़बड़ी होने के कारण डाटा देने से बचते हैं। 



लिंक न बनाने पर लग चुका जुर्माना
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 23 मार्च 2017 सभी को राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों से एमएचआरडी पोर्टल परलिंक बनाकर मिड-डे मील योजनाओं की जानकारी अपलोड करने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने यह काम तीन माह के भीतर पूरा करने के निर्देश दिए थे। ऑनलाइन लिंक बनाने में नाकाम रहने पर कड़ी कार्रवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पर दो लाख का जुर्माना भी लगाया था।


- राजेश रंजन सिंह
साभार: पंजाब केसरी

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