14 Jan 2019, Punjab Kesari |
ट्रैफिक पुलिस समेत अन्य एजेंसियों को जांच का निर्देश
आईटीपीओ में सीएनजी वाहन चलाने की ही है अनुमति
प्रगति मैदान में डीजल वाहनों का इस्तेमाल किया जा रहा है। इनका इस्तेमाल कोई बाहरी एजेंसी या आम लोग नहीं कर रहे बल्कि इंडिया ट्रेड प्रमोशन ऑर्गनाइजेशन (आईटीपीओ) खुद कर रही है। जबकि प्रगति मैदान में सिर्फ सीएनजी वाहन ही चलाने की अनुमति है। बावजूद इसके नियमों की अनदेखी कर आईटीपीओ डीजल वाहन दौड़ाए जा रहे हैं। इस संबंध में एनजीटी ने संबंधित एजेंसियों को जांच कर कार्रवाई करने के लिए निर्देशित किया है।
दरअसल, एनजीटी को पत्र के माध्यम से शिकायत की गई कि प्रगति मैदान (आईटीपीओ) में प्रतिबंध के बाद भी डीजल वाहन चलाए जा रहे हैं। पत्र में यह आरोप भी लगाया गया कि ऐसा अधिकारियों और आईटीपीओ संचालकों द्वारा मिलीभगत के चलते किया जा रहा है। पत्र को अर्जी के तौर पर स्वीकृति देते हुए एनजीटी ने डीसीपी (हेड क्वार्टर), दिल्ली ट्रैफिक पुलिस, रिजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिसर और डीपीसीसी को संयुक्त जांच करने के लिए निर्देशित किया है। इस जांच के लिए डीपीसीसी को नोडल एजेंसी बनाया गया है। एजेंसियों को जांच कर कार्रवाई करने के लिए एनजीटी ने एक माह का समय दिया है। एनजीटी चेयरपर्सन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अगुवाई वाली बेंच कर रही थी। बेंच ने यह भी स्पष्ट किया कि अनुपलान न होने पर एनजीटी एक्ट 2010 के तहत एजेंसियों के खिलाफ भी कार्रवाई हो सकती है।
अवैध वेल्डिंग व्यवसाय की होगी जांच
एनजीटी ने बिना मंजूरी के चल रही सभी औद्योगिक इकाइयों के विरुद्ध कार्रवाई करने का निर्देश जारी किया है। निर्देश डीपीसीसी को दिया गया है। एनजीटी ने यह निर्देश राजनगर, पालम के रिहायशी इलाकों में चल रही प्रदूषणकारी औद्योगिक इकाइयों के संबंध में जारी किया है। एनजीटी चेयरपर्सन की अगुवाई वाली बेंच ने डीपीसीसी को इस ओर गंभीरता से ध्यान देने को कहा है। एनजीटी ने कहा कि रिहायशी इलाके में वेल्डिंग शॉप जैसी कई इकाइयां बिना उचित मंजूरी के चल रही हैं।
- राजेश रंजन सिंह
साभार: पंजाब केसरी
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