18 jan 2019, page No.7 |
- एनजीटी ने डीपीसीसी से मांगी रिपोर्ट
- अस्पताल निर्माण के लिए ग्राउंड वाटर इस्तेमाल, होगी डीएम जांच
बाहरी दिल्ली में सीसा पिघलाने का खतरनाक व्यवसाय किया जा रहा है। इस प्रक्रिया के दौरान जहरीला धुआं उत्पन्न होता है जिससे आस-पास का पर्यावरण प्रभावित हो रहा है। मामले की शिकायत ई-मेल के जरिए एनजीटी से की की गई है। एनजीटी ने मामले की गंभीरता को भांपते हुए दिल्ली पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी (डीपीसीसी) से कार्रवाई कर रिपोर्ट मांगी है। मामले में अगली सुनवाई 30 अप्रैल को होगी।
दरअसल, एनजीटी से की गई शिकायत में बताया गया है कि बाहरी दिल्ली के कंझावला के पास पंजाब खोर गांव में सीसा पिघलाने का कारोबार किया जा रहा है। इसके कारण वातावरण में खतरनाक धुआं फैल रहा है जिससे लोगों के स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव पड़ रहा है। इसके चलते संक्रमण फैलने का भी डर बना हुआ है। अर्जी के जरिए इस खतरनाक कारोबर पर कार्रवाई की मांग की गई। जिस पर एनजीटी चेयरपर्सन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल अगुवाई वाली बेंच ने डीपीसीसी को कार्रवाई कर एक माह के भीतर रिपोर्ट मांगी है। बेंच ने यह भी स्प्षट किया है कि मामले में किसी प्रकार की कोई कोताही न बरती जाए। अन्यथा एनजीटी एक्ट 2010 के तहत कार्रवाई भी की जा सकती है।
बता दें कि सीसा एक विषैला धातु है। सीसा की चादरें, सिंक, सल्फ्यूरिक अम्ल निर्माण और कैल्सियम फास्फेट उर्वरक निर्माण में इस्तेमाल होता है। टेलीफोन केबल के ढकने में, बुलेट्स और पन्नियों के निर्माण में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है। इतना ही नहीं, सीसा चादरों का इस्तेमाल एक्स-रे और रेडियो ऐक्टिव किरणों से बचाव के लिए भी किया जाता है क्योंकि सीसा रेडिएशन शिल्डिंग भी कहा जाता है। सीसा और इसके उत्पाद मिट्टी और पानी को भी प्रदूषित कर देते हैं।
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पानी निकासी की होगी डीएम जांच
पीतमपुरा इलाके में एक अस्पताल के निर्माण के लिए भूमिगत जल का उपयोग किया जा रहा है। इस दौरान बड़ी मात्रा में पानी सर्विस रोड पर बहाया जा रहा है। दिल्ली जैसे शहर में बिना संबंधित एजेंसी से अनुमति लिए जमीन से पानी की निकासी अवैध है। उक्त तथ्यों के आधार पर मामले की शिकायत एनजीटी के की गई है। शिकायत पत्र के जरिए की गई है। इसे याचिका मानते हुए एनजीटी ने पूरे मामले में डीएम जांच के निर्देश जारी किए हैं। अब इस मामले की जांच नॉर्थ-वेस्ट डिस्ट्रीक के डिस्ट्रीक मजिस्ट्रेट करेंगे। एनजीटी चेयरपर्सन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल अगुवाई वाली बेंच ने नॉर्थ-वेस्ट डिस्ट्रीक डीएम को जांच कर कानून के तहत कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। एनजीटी ने मामले की पूरी जानकारी और एक्शन टेकन रिपोर्ट भी तलब की है। इसके लिए एक माह का समय दिया गया है। मामले में अगली सुनवाई अब 29 अप्रैल को होगी।
- राजेश रंजन सिंह
साभार: पंजाब केसरी
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