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File Photo |
बिहार का नाम हमेशा से ही देश की उपलब्धियों में शामिल रहा है। इसका गवाह इतिहास भी है। बिहार का गौरवशाली इतिहास आर्यभट्ट से लेकर सिखो के दशवें गुरु गोविद सिंह से जुड़ा है। महान गणितग्य और खगोल वैज्ञानिक आर्यभट जिन्होंने दुनिया को शुन्य (जीरो) दिया, बिहार की ही पावन भूमि पर जन्में। सम्राट अशोक, अजातशत्रु, बिम्बिसार समेत यह लिस्ट बहुत लंबी है जिन्होंने बिहार की धरती पर जन्म लिया और देश का नाम दुनिया में रोशन किया। आजाद भारत के प्रथम राष्ट्रति बनने वाले राजेंद्र प्रसाद का जन्म भी बिहार में ही हुआ। बिहार के गौरवशाली इतिहास में अब शारदा सिन्हा और मानस बिहारी वर्मा का नाम भी जुड़ गया है। इस साल इन दोनों ही विभुतियों को देश के सर्वश्रेष्ठ सम्मान से सम्मानित किया जाए। इससे पहले भी बिहार के मधुबनी जिला के जितवारपुर गांव की 75 वर्षीया बौआ देवी को पद्मश्री अवार्ड से नवाजा जा चुका है। वहीं, मिथिला पेंटिंग के गढ़ माने जाने वाले जितवारपुर गांव की ही दो महान शिल्पी जगदंबा देवी और सीता देवी को भी पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है।
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Sharda Sinha, File Photo |
भोजपुरी संगीत को एख नई पहचान दिलाने वाली मशहूर गायिका शारदा सिन्हा को पद्मभूषण और वैज्ञानिक मानस बिहारी वर्मा को पद्मश्री के लिए चुना गया है। शारदा सिन्हा सलमान खान अभिनित मैने प्यार किया मूवी में कहे तोसे सजना ये तोहरी सजनिया व हम आपके हैं कौन मूवी में बाबुल जो तुमने सिखाया सरीखे गाने गा चुकी हैं। उन्होंने गजलों की दुनिया में भी नाम कमाया। उनका गाया किसी की याद को सीने से लगाए हम लगाए हुए, काफी प्रसिद्ध है। वहीं, वैज्ञानिक मानस बिहारी वर्मा बिहार के दरभंगा के रहने वाले हैं। वर्मा इसरो की तेजस परियोजना से जुड़े हुए हैं। यह वही तेजस है जिसका आधिकारिक नाम तेजस 4 मई 2003 को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने रखा था।
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Manas Bihari Verma, File Photo |
हालांकि इस बार 85 लोगों को पद्म सम्मान के लिए चयनित किया गया है। तीन लोगों को पद्मविभूषण, नौ लोगों को पद्मभूषण और 73 लोगों को पद्मश्री सम्मान से नवाजा गया है। देश को दूसरी बार वल्र्ड कप का खिताव और टी-20 चैंपियन बनाने वाले क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी को पद्म भूषण के लिए चुना गया है।
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