आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव, कोर्ट और जेल का पुराना नाता रहा है। यह कोई पहली बार नहीं है जब यादव को कोर्ट ने दोषी मानते हुए जेल की सुनाई है। बुधवार को भी आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाले के तीसरे मामले में भी सीबीआई स्पेशल कोर्ट ने दोषी ठहरा दिया है। देवघर कोषागार घोटाला मामले में पहले ही जेल की सजा काट रहे लालू प्रसाद को 5 साल की कैद तथा 5 लाख रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है। साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री रहे जगन्नाथ मिश्र को भी 5 साल कैद और 5 लाख रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई गई है।
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जेल और लालू
-लालू प्रसाद 10 मार्च 1990 के दौरान पहली बार बिहार के मुख्यमंत्री बने। दूसरी बार 1995 में मुख्यमंत्री बने। 1996 में मुख्य रूप से इनका नाम सामने आया। साल 1997 में पहली बार वह न्यायिक हिरासत में रखे गए और 12 दिसंबर 1997 को रिहा हुए।
- इसी मामले में दूसरी बार वह 28 अक्टूबर 1998 को जेल पहुंचे। इस दौरान वह अपनी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख थे। उन्हें बेऊर जेल में रखा गया था। बाद में उन्हें फिर जमानत मिल गई।
- साल 2000 में लालू ने सिर्फ एक दिन ही जेल में रहे। उन्हें एक बार फिर 28 नवंबर 2000 को गिरफ्तार किया गया।
- साल 2013 में एक बार लालू प्रसाद यादव को जेल की यात्रा करनी पड़ी थी।
- इसके बाद साल 2013 में चारा घोटाले से ही जुड़े एक मामले में 37 करोड़ रुपए के गबन के आरोप में लालू प्रसाद यादव को दोषी पाया गया। लेकिन उन्हें सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई थी।
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