दिल के मरीजों को स्टेंट लगवाने के लिए अब एम्स और जीबी पंत जैसे अस्पतालों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। इसकी सुविधा अब पश्चिमी दिल्ली के जनकपुरी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में मिल सकेगी। इस सुविधा की शुरूआत शनिवार से हो गई है। इसका शुभारंभ दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने इसका उद्घाटन किया। लैब के उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन व स्थानीय विधायक राजेश ऋषि मौजूद व अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर मंहेदी रत्ता मौजूद रहेे। इससे अब इसी अस्पताल में दिल के मरीजों को स्टेंट लगाया जा सकेगा।
दिल्ली सरकार का यह दूसरा अस्पताल है जहां पर हार्ट में ब्लॉकेज होने पर स्टेंट के जरिए इलाज संभव है। स्टेंट सिर्फ 22 हजार रुपये में उपलब्ध है। अस्पताल में कार्डियोलॉजी लैब बनकर तैयार हो चुका है। अब तक 70 मरीजों को स्टेंट लगाया जा चुका है। दिल्ली सरकार के इस अस्पताल में स्टेंटिंग की सुविधा शुरू होने से दिल्ली सहित पूरे एनसीआर के मरीजों को फायदा होगा। इससे पहले दिल्ली सरकार के सिर्फ जीबी पंत अस्पताल में ही स्टेंटिंग की जाती थी। यह सरकार का एकमात्र ऐसा अस्पताल था, जहां पर हार्ट के मरीजों में स्टेंट लगाया जाता था। दिल्ली में सबसे ज्यादा स्टेंट लगाने का काम जीबी पंत में होता है। स्टेंटिंग के लिए एम्स से भी ज्यादा मरीजों का प्रेशर इस अस्पताल पर होता है। स्टेंट की कैपिंग लागू होने से पहले ही सिर्फ 22 हजार में स्टेंट उपलब्ध कराया जाता रहा है।
जैन ने कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा संचालित जनकपुरी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल बहुत पहले बन कर तैयार हो चुका था। लेकिन यहां पर इलाज शुरू नहीं हो पा रहा था। डॉक्टर और स्टाफ की कमी की वजह से सालों यह अस्पताल ऐसे ही खड़ा रहा। आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद इस अस्पताल में दिल की बीमारी का इलाज शुरू हुआ। पहले ओपीडी में मरीजों को देखा जा रहा था। ब्लॉकेज होने पर स्टेंट के लिए मरीज को दूसरे अस्पताल भेजा जाता था। अब इसी अस्पताल में स्टेंट के लिए कार्डियोलॉजी लैब बनाया गया है। डॉक्टरों की नियुक्ति का काम चल रहा है। इसी तरह इस अस्पताल में गेस्ट्रोलॉजी यूनिट में मरीजों की पेट से संबंधित जांच के लिए इंडोस्कोपी लैब बनाया गया है।
Janakpuri Super Speciality Hospital |
जैन ने कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा संचालित जनकपुरी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल बहुत पहले बन कर तैयार हो चुका था। लेकिन यहां पर इलाज शुरू नहीं हो पा रहा था। डॉक्टर और स्टाफ की कमी की वजह से सालों यह अस्पताल ऐसे ही खड़ा रहा। आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद इस अस्पताल में दिल की बीमारी का इलाज शुरू हुआ। पहले ओपीडी में मरीजों को देखा जा रहा था। ब्लॉकेज होने पर स्टेंट के लिए मरीज को दूसरे अस्पताल भेजा जाता था। अब इसी अस्पताल में स्टेंट के लिए कार्डियोलॉजी लैब बनाया गया है। डॉक्टरों की नियुक्ति का काम चल रहा है। इसी तरह इस अस्पताल में गेस्ट्रोलॉजी यूनिट में मरीजों की पेट से संबंधित जांच के लिए इंडोस्कोपी लैब बनाया गया है।
No comments:
Post a Comment