Saturday, 27 January 2018

डीयू बुद्धिस्ट डिपार्टंमेंट में प्रश्न पत्र लीक

परीक्षा से एक दिन पहले ही छात्रों को मिल गया प्रश्न पत्र

यूनिवर्सिटी प्रशासन से की गई मामले की शिकायत

जुलाई माह के दौरान भी एमफिल, पीएच.डी का पर्चा हुआ था लीक 



यूनिवर्सिटी और कॉलेजों में परीक्षा के दौरान पर्चा लीक होने के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। देश के प्रतिष्ठित दिल्ली यूनिवर्सिटी में एक ऐसा ही मामला सामने आया है। जहां परीक्षा से एक दिन पहले ही होने वाली परीक्षा का पर्चा लीक हो गया। परीक्षा में पूछे जाने वाले कुछ प्रश्न सोशल मीडिया में वायरल हो गए। अब पूरे मामले की शिकायत यूनिवर्सिटी प्रशासन से की गई है। दिल्ली यूनिवर्सिटी के नामी प्रोफेसरो ने भी मामले की गंभीरता को समझते हुए सवाल खड़े कर दिए हैं। साथ ही कहा है कि इससे यूनिवर्सिटी की साख पर बट्टा लग रहा है और यहां से पढ़ाई करने वाले छात्रों के करियर पर भी इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
पूरा मामला दिल्ली यूनिवर्सिटी के बुद्धिस्ट डिपार्टंमेंट का है। जानकारी के मुताबिक गुरूवार को बुद्धिस्ट एम.ए. (प्रथम वर्ष) की पाली विषय की पहली परीक्षा थी। लेकिन इसके पंद्रह नंबरों के पांच प्रश्न बुधवार शाम को ही लीक हो गए थे। ये प्रश्न छात्रों के पास व्हाट्सएप, हाइक जैसे सोशल मीडिया के जरिए पहुंचे। गुरूवार को जब पाली विषय का प्रश्न पत्र छात्रों को मिला तो पांचों प्रश्न हू-ब-हू मिले। इसके बाद हंगामा मच गया और दिल्ली यूनिवर्सिटी प्रशासन के होश उड़ गए। दिल्ली यूनिवर्सिटी के बुद्धिस्ट डिपार्टमेंट के ही छात्र नेता सचिन चौधरी ने पूरे मामले की लिखित शिकायत डीन ऑफ एगजामिनेशन, डीयू रजिस्ट्रार, डीयू प्रॉक्टर, डीन फैकल्टी ऑफ आट्र्स समेत यूनिवर्सिटी प्रशासन के आला अधिकारियों से की है। शिकायत में पाली विषय की परीक्षा को रद्द कर दोबारा कराने की मांग गई है। मामले को दबाने के लिए अब डीयू प्रशासन इस गंभीर मसले की लिपापोती में जुट गया है।
पूरे मामले पर डूटा कार्यकारिणी सदस्य डॉ. सुरेंद्र कुमार ने कहा कि यह कोई पहला मौका नहीं है जब बुद्धिस्ट डिपार्टेमेंट में पर्चा लीक हुआ है। इससे पहले भी इसी साल जुलाई माह के दौरान एमफिल, पीएच.डी का पर्चा लीक हो चुका है। इसका भी पर्चा रद्द कराकर दोबारा परीक्षा आयोजित की गई थी। बुद्धिस्ट विभाग के हेड ने नियमों की अवमानना करते हुए आरक्षित श्रेणी के छात्रों को मैरिट के आधार पर सामान्य वर्ग में दाखिला नहीं दिया। जबकि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति व अन्य पिछड़ा वर्ग के 16 छात्र एम. फिल व पीएचडी दाखिले में मैरिट के आधार पर सामान्य वर्ग में दाखिला पाने के हकदार थे। इस मामले को लेकर हाल ही में डीन ऑफ आट्र्स ने शो-कॉज नोटिस जारी किया था। कुमार का कहना है कि वर्तमान बुद्धिस्ट डिपार्टेमेंट के हेड के.टी.एस राव के कार्यकाल में लगातार गड़बडिय़ां सामने आ रही हैं। लिहाजा डीयू की साख बचाने और छात्रों के भविष्य के मद्देनजर हेड को हटाया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि हेड को लेकर तीन कमेटियां बन चुकी हैं और दो बार पर्चें लीक हो चुके हैं। बावजूद इसके वीसी इन पर कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।
बुद्धिस्ट डिपार्टेमेंट के हेड के.टी.एस. राव से जब हमने पूरे मामले में उनका पक्ष जानना चाहा तो उन्होंने पर्चा लीक होने की खबर को सिरे से नकार दिया। उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह से अफवाह है। पर्चा लीक होना संभव ही नहीं है। पढ़ाने वाले शिक्षक ही प्रश्न पत्र तैयार करते हैं, वही सील करते हैं और परीक्षा के समय वहीं शिक्षक बंाटते हैं। प्रश्न पत्र किसी के हाथ नहीं लग सकता।

साभार: पंजाब केसरी

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