Friday, 9 February 2018

टॉयलेट के सामने स्कूल का गेट, एनजीटी ने मांगी रिपोर्ट


एनजीटी ने पक्षों से पूछा, क्यों की गई नियमों की अनदेखी
साउथ एमसीडी, जीडी गोयनका स्कूल मैनेजमेंट और पीडब्ल्यूडी को आपस में मीटिंग कर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश 

साउथ एमसीडी एरिया में बने एक स्कूल के गेट को लेकर एनजीटी ने दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इस संबंध में सभी पक्षों को आपस में मीटिंग कर मामला सुलझाने व इससे संबंधित रिपोर्ट तलब की गई है। पूरा मामला साउथ एमसीडी एरिया में बने जीडी गोयनका स्कूल से संबंधित है। जानकारी के मुताबिक साल 2010 में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स के दौरान एमसीडी (वर्तमान में साउथ एमसीडी) ने एक टॉयलेट का निर्माण कराया था। इसके ठीक चार साल बाद यहां पर स्कूल खोला गया। स्कूल का गेट टॉयलेट के ठीक सामने बनाया गया।
इसी को लेकर स्कूल की ओर से एनजीटी में एक याचिका दाखिल की गई। इस याचिका मेंं टॉयलेट से होने वाले प्रदूषण व बच्चों के स्वास्थ्य पर पडऩे वाले हानिकारक प्रभावों के मद्देनजर पर्यावरण नियमों का हवाला देकर टॉयलेट बंद कराने की मांग की गई। इस पर एनजीटी ने निगम, स्कूल मैनेजमेंट और पीडब्ल्यूडी को फटकार भी लगाई। याचिका पर सुनवाई करते हुए एनजीटी की बेंच ने निगम पर सवाल खड़े किए कि स्कूल के बिल्ंिडग प्लान को अप्रूव करते समय इन बातों का ख्याल क्यों नहीं रखा गया। स्कूल प्रशासन से भी जवाब तलब किया गया कि जब टॉयलेट साल 2010 से ही मौजूद था तो स्कूल निर्माण के समय इसकी अनदेखी क्यों की गई। क्या यह जानबूझकर किया गया?
गुरूवार को इस मामले पर सुनवाई के दौरान जस्टिस एसपी वांगडी (ज्यूडिशियल मेंबर) और एक्सपर्ट मेंबर डॉ. सत्यवान सिंह गरब्याल की बेंच ने सभी पक्षों को आपस में मीटिंग करने का निर्देश जारी किया है। इस संबंध में साउथ एमसीडी व दिल्ली सरकार के पीडब्ल्यूडी विभाग के एज्जेक्यूटिव इंजीनियर व स्कूल मैनेजमेंट को 15 फरवरी को मीटिंग करनी होगी। पूरे मामले पर साउथ एमसीडी को 26 फरवरी को रिपोर्ट भी पेश करने का निर्देश दिया गया है।

- राजेश रंजन सिंह
साभार: पंजाब केसरी

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