Monday 5 February 2018

एम्स को मिली डीजल एंबुलेंस रजिस्ट्रेशन की मंजूरी

एम्स ने की थी एम्स के मरीजों को लाने ले जाने के लिए डीजल एंबुलेस रजिस्ट्रेशन की अपील
एंबुलेस वाहन जीपीसी से होने चाहिए लैस 

एनजीटी ने एम्स को डीजल एंबुलेस के रजिस्ट्रेशन को मंजूरी दे दी है। इनका इस्तेमाल सिर्फ एम्स के मरीजों को लाने ले जाने के लिए किया जा सकेगा। ये सभी वाहन बीएस-4 उत्सर्जन नियम को पूरा करने वाले होंगे। इनका इस्तेमाल किसी अन्य काम के लिए नहीं किया सकेगा। एनजीटी के एक्टिंग चेयरपर्सन जस्टिस यूडी साल्वी की अगुवाई वाली बेंच ने एम्स की ओर से 10 वर्ष से पुराने वाहनों को नष्ट करने का आश्वासन मिलने के बाद यह राहत दी है। गत वर्ष अगस्त माह के दौरान भी एनजीटी ने एम्स को चार डीजल एंबुलेस के रजिस्ट्रेशन को मंजूरी दी थी।
एनजीटी ने याचिककर्ता को आरटीओ के समक्ष एक एफिडेविट भी पेश करने का आदेश दिया है कि उनके पास दस साल पुराने डीजल वाहन नहीं हैं। इसके साथ ही एनजीटी ने ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के ट्रांसपोर्ट कमिश्नर को रजिस्ट्र्ेशन करने की अनुमति दी है। बेंच ने यह भी कहा कि ये एंबुलेस वाहन जीपीसी से लैस होने चाहिए।
बता दें कि एनजीटी ने नए डीजल वाहनों के रजिस्ट्रेशन व 10 वर्ष पुराने वाहनों के दोबारा रजिस्ट्रेशन पर साल 2016 में रोक लगा दी थी। एम्स ने नए वाहनों के रजिस्ट्रेशन के लिए एनजीटी में अपील की थी। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने भी दिल्ली और एनसीआर में दो हजार सीसी इंजन क्षमता वाली डीजल एसयूवी और कारों के रजिस्ट्रेशन पर रोक लगा दी थी। एनजीटी ने दिल्ली के डीजल कार मालिकों को झटका देते हुए दिल्ली सरकार को डीजल से चलने वाले 10 साल से ज्यादा पुराने सभी वाहनों के रजिस्ट्रेशन रद्द करने के आदेश दिए थे।

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