Friday, 23 February 2018

मोदी की मूर्ति से गुलजार होगा अंबेडकर म्यूजियम


सीपीडब्ल्यूडी ने मंत्रालय को मूर्ति फाइनल करने के लिए भेजा प्रस्ताव

लंदन के मैडम तुसाद म्यूजियम के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मूर्ति अब अंबेडकर म्यूजियम में लगाने की तैयारी चल रही है। यहां पर प्रधानमंत्री मोदी की मूर्ति अब संविधान निमार्ताओं के साथ दिखेगी। इसके लिए पूरा खाका तैयार किया जा चुका है। प्रधानमंत्री की मूर्ति से संबंधित पुतलों की मुद्राओं को फाइनल करने के लिए सीपीडब्ल्यूडी ने सामाजिक अधिकारिता मंत्रालय को पुतलों की लिस्ट भेजी है। मूर्ति लगाने के लिए अब सिर्फ मंत्रालय से हरि झंडी का इंतजार है।
साथ ही दूसरी तरफ यह सवाल उठने लगा है कि मोदी की मूर्ति अंबेडकर मैमोरियल में आखिर क्यों लगाई जा रही है? विशेषज्ञों का कहना है कि मोदी की मूर्ति लगाने का आखिर क्या औचित्य है? सूत्र बताते हैं कि यहां पर उन लोगों की मूर्तियां लगाई जानी हैं, जो सन् 1949 में संविधान निर्माता बाबा साहेब के साथ संविधान पारित कराते समय सभा के सदस्य थे।
बता दें कि राजधानी में बाबा साहेब को लेकर एक म्यूजियम तैयार किया जा रहा है। इसका निर्माण कार्य लगभग खत्म होने वाला है और फिलहाल इसे फाइनल टच दिया जा रहा है। यहां पर सात लोगों की प्रतिमाएं लगाने की योजना है। सात लोगों में तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू, गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल, रक्षामंत्री बलदेव सिंह, श्रममंत्री बाबू जगजीवन राम, स्वास्थ्य मंत्री राजकुमारी अमृत कौर, शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम व वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम शामिल है। ऐसे में सवाल उठने लगे हैं कि जब वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उस दौरान थे नहीं फिर उनकी मूर्ति लगाए जाने का क्या औचित्य है?
फाइनल करने के लिए तीन मुद्राएं 
'पंजाब केसरी' को मिले दस्तावेजों के मुताबिक सीपीडब्ल्यूडी के विकास परियोजना मंडल-2 की ओर से मंत्रालय को प्रधानमंत्री मोदी की तीन मुद्राओं को भेजा गया है। इसमें एक को फाइनल किया जाना है। इसके फाइनल होते ही अगले 15 दिनों के भीतर म्यूजिम में मोदी की मूर्ति को स्थापित कर दिया जाएगा।
मोदी ने ही रखी थी म्यूजियम की आधारशिला
दिल्ली में 26 अलीपुर रोड स्थित भवन में बाबा साहेब अंबेडकर ने 1 नवंबर 1951 से लेकर अपने महापरिनिर्वाण 6 दिसंबर 1956 तक निवास किया था। दरअसल, यह संपत्ति राजस्थान के सिरोही के महाराज की थी। बाबा साहेब के 1951 में केंद्रीय मंत्रीमंडल से इस्तीफा देने के बाद उन्हें यहां पर रहने के लिए आमंत्रित किया गया था। अब यह भारत सरकार की संपत्ति है। अब यहीं पर केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय, डॉ. अंबेडकर नेशनल मैमोरियल स्थापित कर रहा है। जिसकी आधारशिला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ही 21 मार्च 2016 को रखी थी। अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा था कि इस मैमोरियल की बिल्डिंग दिल्ली की आइकॉनिक बिल्डिंग बनेगी। साथ ही यह भी कहा था कि बाबा साहेब के जन्मदिवस पर 14 अप्रैल 2018 को वह इसका उद्घाटन करेंगे। तो ऐसे में सवाल खड़ा होना लाजिमी है कि क्या प्रधानमंत्री मोदी खुद ही अपनी मूर्ति का भी अनावरण करेंगे?


मायावती के बाद मोदी बनेंगे दूसरे जिंदा नेता
जिंदा नेताओं की मूर्ति लगवाने की फेहरिस्त में प्रधानमंत्री मोदी का नाम शामिल होने जा रहा है। इससे पहले उत्तर प्रदेश की तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने अपनी मूर्ति लगवाई थी। जोकि सियासी गलियारों से लेकर आम जन के बीच खासी चर्चा का विषय बना था। उस समय सभी बड़ी पार्टियों ने इसकी खूब निंदा की थी। एक बार फिर इतिहास दोहराया जा रहा है। सरकार के मतहात विभाग के चंद लोगों ने मोदी को महिमा मंडित करने के लिए ही प्रधानमंत्री की मूर्ति लगाने लगाने की योजना बना डाली है। सूत्रों की मानें तो अभी तक प्रधानमंत्री व पीएमओ को इस संदर्भ में अवगत नहीं कराया गया है। हालांकि पार्टी के आला अधिकारियों को भी इसकी जानकारी होने की बात कही जा रही है।







-राजेश रंजन सिंह
साभार: पंजाब केसरी

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