सीबीएसई की ओर से आयोजित नेशनल लेवल साइंस एग्जीबिशन का समापन हो गया है। इस एग्जीबिशन के नेशनल राउंड के लिए देशभर से 885 बच्चों का चयन किया गया था। इन सभी ने एग्जीबिशन में एग्रीकल्चर, एनर्जी, एनवॉयरनमेंट और रिसोर्सेस थीम पर आधारित मॉडल्स तैयार किए थे। प्रतिभागी छात्र-छात्राओं को प्रोत्साहित करने के लिए सीबीएसई द्वारा पुरस्कृत भी किया गया। रोहिणी स्थित माउंट आबू पब्लिक स्कूल में आयोजित प्रदर्शनी में विभिन्न स्कूलों से आए छात्रों ने अपने-अपने मॉडलों के द्वारा अपनी-अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया।
प्रदर्शनी में हेल्थ एंड फूड सिक्योरिटी, वेस्ट मैनेजमेंट एंड वाटर बॉडी कंजर्वेशन, डिजिटल एंड टेक्नोलॉजी सॉल्यूशन, मैथेमैटिक मॉडलिंग जैसे विषयों को शामिल किया गया था। बता दें कि स्कूली स्तर पर छात्रों के सर्वांगीण विकास व बच्चों के बीच वैज्ञानिक समझ विकसित करने कि लिए सीबीएसई द्वारा हर साल साइंस एग्जीबिशन का आयोजन नेशनल व जोनल लेवल पर किया जाता है।
कम्यूनिटी हेल्थ एंड इन्वॉयरमेंट, लैंड माक्र्स इन साइंस एंड मैथ, इन्फॉर्मेशन एंड कम्यूनिकेशन टेक्नोलॉजी, एनर्जी रिसोर्स एंड कंजर्वेशन ट्रांसपार्ट, वेस्ट मैनेजमेट विषयों पर भी मॉडल तैयार किए गए थे। सीबीएसई के शिक्षा अधिकारियों के अनुसार इन प्रदर्शनियों से अपेक्षा की जाती है कि छात्र तथा अध्यापक साइंस और टेक्नोलॉजी के विकास तथा नए रिसर्च द्वारा समाज में प्रगति लाने एवं उन्हें और बेहतर करने में मानव प्रयासों के सभी पहलुओं पर विचार करेंगे जिससे जीवन की गुणवत्ता में सुधार हो सके। मॉडल प्रदर्शित करने वालों छात्रों ने बताया कि इस तरह के आयोजनों से समाज और पर्यावरण की विभिन्न समस्याओं से संबद्ध वैज्ञानिक विचारों का सृजन करने में भी सहायता मिलती है।
प्रदर्शनी में हेल्थ एंड फूड सिक्योरिटी, वेस्ट मैनेजमेंट एंड वाटर बॉडी कंजर्वेशन, डिजिटल एंड टेक्नोलॉजी सॉल्यूशन, मैथेमैटिक मॉडलिंग जैसे विषयों को शामिल किया गया था। बता दें कि स्कूली स्तर पर छात्रों के सर्वांगीण विकास व बच्चों के बीच वैज्ञानिक समझ विकसित करने कि लिए सीबीएसई द्वारा हर साल साइंस एग्जीबिशन का आयोजन नेशनल व जोनल लेवल पर किया जाता है।
कम्यूनिटी हेल्थ एंड इन्वॉयरमेंट, लैंड माक्र्स इन साइंस एंड मैथ, इन्फॉर्मेशन एंड कम्यूनिकेशन टेक्नोलॉजी, एनर्जी रिसोर्स एंड कंजर्वेशन ट्रांसपार्ट, वेस्ट मैनेजमेट विषयों पर भी मॉडल तैयार किए गए थे। सीबीएसई के शिक्षा अधिकारियों के अनुसार इन प्रदर्शनियों से अपेक्षा की जाती है कि छात्र तथा अध्यापक साइंस और टेक्नोलॉजी के विकास तथा नए रिसर्च द्वारा समाज में प्रगति लाने एवं उन्हें और बेहतर करने में मानव प्रयासों के सभी पहलुओं पर विचार करेंगे जिससे जीवन की गुणवत्ता में सुधार हो सके। मॉडल प्रदर्शित करने वालों छात्रों ने बताया कि इस तरह के आयोजनों से समाज और पर्यावरण की विभिन्न समस्याओं से संबद्ध वैज्ञानिक विचारों का सृजन करने में भी सहायता मिलती है।
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