Thursday 1 February 2018

स्वामी श्रद्धानंद कॉलेज में सौर ऊर्जा पर वर्कशॉप

वर्कशॉप का उद्देश्य गांधी के सिद्धांतों से बच्चों को अवगत कराना था
सरकार की नीतियों की भी छात्रों को दी गई जानकारी
दिल्ली यूनिवर्सिटी से संबद्ध अलीपुर स्थित स्वामी श्रद्धानंद कॉलेज में एक वर्कशॉप का आयोजन किया गया। इसका आयोजन महात्मा गांधी की 70वीं पुण्यतिथि पर उन्हें याद करने के मकसद से किया गया था। वर्कशॉप का उद्देश्य गांधी जी के विचारों को वर्तमान में छात्रों को अवगत कराना था। इस दौरान कई नए पाठ्यक्रमों समेत विभिन्न प्रकार की जानकारी भी दी गई।
साथ ही नवीनीकरण योग्य ऊर्जा स्रोतों और प्रौद्योगिकी विषय पर चर्चा भी की गई। जानकारी दी गई कि स्कूल-कॉलेज के छात्रों के लिए सौर प्रौद्योगिकी में प्रशिक्षण और प्रशिक्षण के लिए स्थापना में अल्पावधि पाठ्यक्रम को स्वामी श्रद्धानंद कॉलेज और यूनिवर्सिटी द्वारा संयुक्त रूप से पेश किया गया है।
पाठ्यक्रम केवल सौर ऊर्जा डिवाइस अनुप्रयोग (वाणिज्यिक और घरेलू उद्देश्यों) में हालिया प्रगति को उजागर करने के लिए ही समर्पित नहीं है बल्कि इसके उपयोग और स्थापना के बारे में सामान्य जनता को भी जानकारी प्रदान करता है। यह पाठ्यक्रम उन छात्रों के लिए रोजगार के नए आयामों को खोल देगा, जो सौर ऊर्जा और प्रौद्योगिकी, सौर ऊर्जा या सौर उद्यमशीलता में अपना करियर बनाने की कोशिश कर रहे हैं। इस अवसर पर लेफ्टिनेंट डॉ. मुकेश राणा ने कहा कि कॉलेज ने साल 2008 के बाद से इस तरह के पाठ्यक्रमों का संचालन किया है।
सौर ऊर्जा भारत की योजना का एक महत्वपूर्ण अभिन्न अंग हो सकती है। न केवल नई क्षमता जोडऩे के लिए बल्कि ऊर्जा सुरक्षा में वृद्धि, पर्यावरणीय चिंताओं को संबोधित करने, युवाओं के लिए रोजगार के अवसरों को पुरस्कृत करना और अक्षय ऊर्जा के लिए बड़े बाजार का नेतृत्व करना भी। यह भी जानकारी दी गई कि भारत में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए नई और नवीकरणीय ऊर्जा (एमएनआरई), भारत नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी (आईआरडीएए), सौर ऊर्जा केंद्र (एसईसी) की स्थापना के साथ ही सरकार ने इस क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न नीतियों और सब्सिडी भी शुरू की है।

साभार: पंजाब केसरी

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